तीन दिवस तक पंथ मंगाते रघुपति सिंधु किनारे
बैठे पढ़ते रहे चाँद अनुनय के प्यारे प्यारे
बैठे पढ़ते रहे चाँद अनुनय के प्यारे प्यारे
उत्तर में जब एक नाद भी उठा नहीं सागर से
उठी धधक पौरुष आग राम के शर से
सिन्दु देह धार त्राहि त्राहि करता आ गिरा शरण में
चरण पूज दासता ग्रहण की बंधा मूढ़ बंधन में
क्षमा शोभती उस भुजंग को जिस के पास गरल हो
उस को क्या जो दंतहीन विष रहित विनीत सरल हो
रामधारी सिंह दिनकर
मोदी जी, जब राम के राम के अनुनय और विनय को अहंकारी सागर ने अनसुना कर दिया और अपनी अंगड़ाइयां बेशर्मी लगता रहा, तो आप कौन हैं जो आप इस देश की जनता के मूढ़ व्यवहार को देख कर भी उन से अनुनय और विनय कर रहे हैं | एक तरफ आप पुरे देश को कोरोना के कहर से बचाने के लिए दिन रात एक किये हुए हैं और दूसरी ओर कुछ जनता आपके देश की कह रही है की ये कोरोना उनके लिए उनके मालिक ने भेजा है | आप उनसे विनती कर रहे हैं जो ये मान कर चल रहे हैं की उनको इस देश का बुरा करना है चाहे उस में उनकी जान भी चली जाये | आपने तो वो बात सुनी ही होगी की एक मुर्ख और ईर्ष्यालु पडोसी अपने पडोसी का बुरा करने के लिए तपस्या करता है | जब वरदान देने का समय आता है तो भगवान् कहते हैं की वो जो भी मांगेगा उस के पडोसी को उस इस दुगुना मिलेगा | इस बात पर उस बन्दे ने अपनी एक आँख फोड़ लेने की मांग कर डाली | आपके देश में एक तबका वही है | और आप उस तबके से विनती कर रहे हैं की वो ऐसे वरदान नहीं मांगे | ये वो तबका जिन्होंने ने डॉक्टरों पर हमला किया, उन पर थूका है | ऐसे जाहिलों से विनती कर के आप क्या हासिल करना चाहते हैं| क्या हो गया है आपको, कहाँ है वो छप्पन इंच का सीना ?
ये युद्ध है और समय कम है | अगर अभी जरा भी चूक हो गयी तो ये कोरोना पुरे देश में इस तरह से फैलेगा की आप पुरे देश में लाशों की टीलों पर अनाथ बच्चो और विधवा औरतों को रोते हुए पाएंगे | आपके पास सबको साथ लेकर चलने का समय नहीं है | इस देश में अभी भी तमाम राजनीती के लोगों को ये समझ नहीं आया है की ये कोरोना न जाति देखता है न धर्म, न पद न पहचान | अगर ये फैलेगा तो बवंडर की तरह फैलेगा और सब को लील जायेगा | ऐसे समय में राज्य सरकारों और केंद्र सरकार में सामंजस्य बैठने का समय नहीं है | लोगों को समझने का समय नहीं है | ये समझ लीजिये की ये युद्धः है और आप युद्ध धर्म का पालन जीजिए |
आपातकाल की घोषणा कीजिये, सारे देश में एक शाशन लगाइये और सेना को आपदा में सहयोग के लिए बुला लीजिये | मूर्खों से सख्ती से निपटिए | डॉक्टरों और नर्सों पर हमला करना इस स्थिति में देश द्रोह है | आज इस युद्ध में डॉक्टर और नर्स हमारे सैनिक हैं और इन पर हमला देश पर हमला है | ऐसे लोग देशद्रोही हैं और उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए |
आपकी विनती और मनुहारी आपकी कमज़ोरी समझी जा रही है |
फ़र्ज़ करें की कोरोना वाकई में फ़ैल गया और अगले छह महीने तक तांडव करता रहा | तो छह महीने के बाद देश की आहत जनता ये नहीं पूछेगी की मोदी जी ने सबको साथ लेकर फैसला लिया था या नहीं, अपितु जनता यही कहेगी की मोदी जी ने सही समय पर सही फैसला नहीं लिया और लाखों के संहार की जिम्मेदारी आप पर ही आएगी |