
बी. कृष्णा नारायण
कार्तिक माह के बाद अगहन ( मार्गशीर्ष ) माह की शुरुआत होगी। जानिये इस माह में जन्म लेने का फल के बारे में ज्योतिषशास्त्र क्या कहता है-
(ज्योतिष कभी भी चीजों को एकांगी होकर देखने की सलाह नहीं देता। हमेशा योग की बात करता है और बहुत सारी चीजों को मिलाकर ही सम्पूर्णता में देखने की सलाह देता है। यहां भी ज्योतिष, सिर्फ माह के अनुसार ही फल कथन के निर्देश नहीं देता, वरन अन्य सभी योगों के साथ इसका मेल बैठाकर ही आगे बढ़ने की सलाह देता है। एक-एक करके क्रमवार तरीके से धीरे-धीरे हम उन दिशा-निर्देशों को जानेंगे)
1- इस माह में जन्म लेने वाले चुम्बकीय आकर्षण शक्ति वाले होते हैं। किसी के होकर रहना इन्हे पसंद नहीं। ये खुद अपने स्वामी होते हैं।
2- इस माह वालों के पराक्रम के समक्ष बड़ी से बड़ी शक्ति झुक जाती है।
3- धैर्य और गतिशीलता इनके जीवन में कूट-कूट कर भरी होती है। प्रारंभिक जीवन में विलासी होते हैं, परंतु अचानक से इनका जीवन इतना बदलता है कि इन्हें त्यागमयी, परिश्रमी जीवन बिताना पड़ता है।
4- एक बार जिसके ऊपर टेढ़ी दृष्टि हो जाती है, फिर उसे बिना नष्ट किये नहीं छोड़ते हैं। इनकी शक्ति इतनी अधिक होती है कि इनके दुश्मन बिना चू-चपर किये इनके वशीभूत हो जाते हैं। जिसपर इनकी कृपा होती है, उसकी सहायता में ये कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
5- प्रशंसा एवं चाटुकारिता से दूर भागते हैं। ये स्पष्टवादी होते हैं।
6- कृष्णपक्ष वाले का चरित्र बहुत अच्छा नहीं होता। वासना की इनमें प्रबलता होती है, जिसकी वजह से इन्हें दुराचार की तरफ झुकना पड़ता है। कृष्णपक्ष वाले मंत्री,अभिनेता, शिक्षक और प्रबंधन कार्य में सफलता पाते हैं। आत्म संयम और आत्म नियंत्रण करना सीख जाएं तो व्यापार में भी सफल होते हैं। सहनशीलता प्रचुर मात्रा में इनमे पायी जाती है। कठोर से कठोर विपत्ति में भी ये विचलित नहीं होते। आदर की आकांक्षा अधिक होती है। थोड़ा भी अपमान सहन नहीं कर पाते। ज्ञानार्जन के लिए देश-विदेश की यात्रा अधिक करनी होती है। इस पक्ष में 1/ 3/ 8/ 1/ 13/ 14 तिथि वाले माध्यम कोटि के धनी, 7/9/10 तिथि वाले उच्च कोटि के धनी और 4/5/6 तिथि वाले अल्प धनी होते हैं।
7- शुक्ल पक्ष वाले गणित और भूगोल के ज्ञाता होते हैं। पुरातन भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु विदेश भ्रमण भी करते हैं। खाली बैठना इन्हे पसंद नहीं होता है। इस पक्ष के 6/8/9/13 तिथि वाले उच्च श्रेणी के धनी, 1/2/5/7/10/11/12/14/15 तिथि वाले मध्यम श्रेणी के धनी तथा 3/4 तिथि वाले अल्प धनी होते हैं।
8- इस माह में जन्म लेने वाले का एक मुख्य गुण है कि इनके सानिध्य में आकर उद्दंड से उद्दंड व्यक्ति की आदतों में सुधार आने लगता है।
9- विवाह और मित्रता :- इस माह में जन्म लेनेवाले का विवाह प्राय: 17/18/19/20/23/ 25/28/30/32/33/35 वें वर्ष में होती है। कभी-कभी तो 42वें वर्ष में भी विवाह होता है। कृष्णपक्ष के 1/3/4/5/9/11/14/30 वें वर्ष वालों का दूसरा विवाह हो सकता है। शुक्रवार की रात में जिनका जन्म होता है, उन्हें पत्नी वियोग होता है और आधी रात के बाद जन्म वालों का दूसरा विवाह हो जाता है।इस माह में जन्म लेनेवालों की मित्र संख्या अधिक होती है। ये जहां भी रहते हैं, वहां प्रेम का माहौल बना कर रखते हैं।
10- भाग्योदय :- 26वें, 28वें वर्ष से भाग्योदय प्रारम्भ हो जाता है। 49 से 56 वर्ष तक का जीवन स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ कष्टकारी हो सकता है। साथ ही साथ कार्य के क्षेत्र में भी कुछ कठिनाईओं का सामना करना पड़ सकता है।
11- संतान :- इस माह में जन्म लेनेवालों को कन्या संतान की प्राप्ति पुत्र संतान की वनिस्पत ज्यादा होती है। शुक्ल पक्ष वालों को ज्यादा कन्या संतान तथा कृष्ण पक्ष वालों को ज्यादा पुत्र संतान की प्राप्ति होती है।
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