श्रमिकविरोधी मानसिकता से बाज आए प्रबंधन : एसएन दास

0
279

संवाददाता
बोकारो। सरकारी बैंकिंग क्षेत्र में पूंजी निवेश, निजीकरण के खिलाफ और बैंककर्मियों की विभिन्न मांगों को लेकर फेडरेशन आफ बैंक आफ इंडिया स्टाफ यूनियन्स की बैंककर्मियों ने धरना दिया। सेक्टर-4 स्थित बैंक ऑफ इंडिया के जोनल कार्यालय के समक्ष उन्होंने कोविड-19 प्रावधानों के तहत मास्क और सोशल डिस्टेंस के साथ धरना दिया। मौके पर बैंक आफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन, झारखण्ड स्टेट के संगठन सचिव सिद्धेश नारायण दास ने कहा कि बैंकों में कर्मचारियों की संख्या दिन प्रतिदिन घट रही है। इससे जहां ग्राहक सेवा प्रभावित हो रहा है, वहीं कार्यरत कर्मचारियों पर काम का अनावश्यक अत्यधिक बोझ बढ़ता जा रहा है। वे तनाव में जीने को वह अभिशप्त हो गए हैं। साथ ही, बहाली नहीं होने से पढ़े-लिखे लोगों को रोजगार से भी वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिक विरोधी मानसिकता में बदलाव नहीं लाया गया और बैंककर्मियों की मांगें पूरी नहीं की गई तो और धारदार संघर्ष किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेवारी बैक प्रबंधन की होगी। उन्होंने कहा कि बैंककर्मियों की ओर से लम्बे समय से बैंक आॅफ इंडिया प्रबंधन को अपनी मांगों से अवगत कराया जाता रहा है एवं प्रबंधन द्वारा कोई ठोस सकारात्मक पहल नहीं होने पर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है। धरना के बाद आंचलिक प्रबंधक को उन्होंने अपनी मांगों को लेकर स्मार भी दिया। मौके पर एसपी सिंह, प्रदीप कुमार, राकेश मिश्रा, मनमीत कौर, गंगेश्वर तिवारी, सतीश आनंद, विपिन चन्द्रा, विनय कुमार, नीलम कुमारी, पूजा अग्रवाल, कुमारी प्रीति, सुमन कुमारी, नेहा कुमारी, ठाकुर दास बेदिया, राजेश दास, जीतेन्द्र प्रमाणिक आदि मौजूद रहे।

बैंकों में सशस्त्र सुरक्षा प्रहरी समेत ये हैं मांगें
बैंककर्मियों की मांगों में बेहतर ग्राहक सेवा के लिए अविलम्ब सभी संवर्गों में समुचित बहाली, बैंको की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं में भेदभाव बंद करने, चिकित्सीय व्यय की प्रतिपूर्ति का सरलीकरण, बैकों में कार्यरत कैजुअल वर्कर का यथाशीघ्र स्थाई रूप समायोजन, समायोजन न होने तक बैंकों में कार्यरत अधीनस्थ कर्मचारियों के वेतन के अनुसार प्रोराटा भुगतान और उनका मस्टर रोल बनाने, बैंकों की सभी शाखाओं में अविलम्ब सशस्त्र सुरक्षा प्रहरी की बहाली, सभी कर्मचारियों को समान रूप से पद्दोन्नति, बैंक प्रबंधन द्वारा किए गए द्विपक्षीय समझौतों का प्रबंधन उल्लंघन बंद करने, बैंकों में सरकारी पूंजी का विनिवेश बंद कर निजीकरण की प्रक्रिया को अविलम्ब बंद करने आदि शामिल हैं।

– Varnan Live Report.

Previous articleESL के विस्तारीकरण से दूर होगी क्षेत्र की बेरोजगारी, CM ने दिलाया मदद का भरोसा
Next articleInitiative… ESL launches Archery Academy to enbright the sports talents
मिथिला वर्णन (Mithila Varnan) : स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता'! DAVP मान्यता-प्राप्त झारखंड-बिहार का अतिलोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक अब न्यूज-पोर्टल के अवतार में भी नियमित अपडेट रहने के लिये जुड़े रहें हमारे साथ- facebook.com/mithilavarnan twitter.com/mithila_varnan ---------------------------------------------------- 'स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता', यही है हमारा लक्ष्य। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 1985 में मिथिलांचल के गर्भ-गृह जगतजननी माँ जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की कोख से निकला था आपका यह लोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक 'मिथिला वर्णन'। उन दिनों अखण्ड बिहार में इस अख़बार ने साप्ताहिक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी। कालान्तर में बिहार का विभाजन हुआ। रत्नगर्भा धरती झारखण्ड को अलग पहचान मिली। पर 'मिथिला वर्णन' न सिर्फ मिथिला और बिहार का, बल्कि झारखण्ड का भी प्रतिनिधित्व करता रहा। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं। अन्तर सिर्फ यह हुआ कि हमारा मुख्यालय बदल गया। लेकिन एशिया महादेश में सबसे बड़े इस्पात कारखाने को अपनी गोद में समेटे झारखण्ड की धरती बोकारो इस्पात नगर से प्रकाशित यह साप्ताहिक शहर और गाँव के लोगों की आवाज बनकर आज भी 'स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता' के क्षेत्र में निरन्तर गतिशील है। संचार क्रांति के इस युग में आज यह अख़बार 'फेसबुक', 'ट्वीटर' और उसके बाद 'वेबसाइट' पर भी उपलब्ध है। हमें उम्मीद है कि अपने सुधी पाठकों और शुभेच्छुओं के सहयोग से यह अखबार आगे और भी प्रगतिशील होता रहेगा। एकबार हम अपने सहयोगियों के प्रति पुनः आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया है।

Leave a Reply