बोकारो ः डीपीएस बोकारो में जारी कल्चरल वीक के तहत गुरुवार को सेक्टर-5 स्थित प्राइमरी इकाई में अंतर सदन समूह नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भारतीय त्योहार विषयवस्तु पर आधारित इस प्रतियोगिता में बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों से भारतीय संस्कृति की सतरंगी छटा बिखेरी। रंग-बिरंगे परिधानों और आकर्षक रूप-सज्जा के साथ बच्चों ने अपनी भाव-भंगिमा और संवाद प्रेषण से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम की शुरुआत दुर्गापूजा पर आधारित नृत्य के साथ हुई, जिसमें बच्चों ने महिषासुर वध के प्रसंग का जीवंत प्रस्तुतीकरण किया। इसमें उन्होंने बांग्ला संस्कृति की सुंदर छटा बिखेरी। इसके बाद जन्माष्टमी आधारित नृत्य में श्री कृष्ण जन्मोत्सव और तत्पश्चात होली पर आधारित प्रस्तुति में मथुरा और ब्रज की झलक दिखाई। इसके बाद गणेश चतुर्थी पर आधारित नृत्य में बच्चों ने अपनी ऊर्जावान प्रस्तुति से महाराष्ट्र में गणेशोत्सव का सुंदर चित्रण किया।

इसी प्रकार रामनवमी संबंधी समूह नृत्य में प्रतिभागियों ने श्रीराम के जन्म और उनकी लीला को बखूबी दर्शाया। समापन पंजाब के प्रसिद्ध त्योहार बैशाखी पर आधारित लोकनृत्य के साथ हुआ। इसमें बच्चों ने धन-धान्य से परिपूर्ण खेत-खलिहान और पंजाबी संस्कृति का अनुपम प्रस्तुतीकरण किया और किसानों की महत्ता का भी संदेश दिया।



इन प्रस्तुतियों में जहां पार्श्व-संगीत और मंच की सजावट बेहतरीन रही, वहीं लय-ताल पर बच्चों का सुंदर सामंजस्य भी अपने-आप में अनूठा रहा। दर्शक दीर्घा में बैठे बच्चे भी पूरे उत्साह और जोश से लबरेज हो कार्यक्रम का आनंद लेते रहे और पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।



रावी सदन को मिला प्रथम स्थान
निर्णायक मंडली के मूल्यांकन के आधार पर प्रतियोगिता में दुर्गापूजा पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति के लिए रावी सदन को प्रथम स्थान मिला। प्रतियोगिता में गंगा और झेलम को संयुक्त रूप से द्वितीय, चेनाब हाउस को तृतीय, सतलज को चतुर्थ और जमुना सदन को पांचवां स्थान प्राप्त हुआ।






प्रतियोगिता में हार-जीत नहीं, भाग लेना महत्वपूर्ण : ए एस गंगवार
इसके पूर्व प्राइमरी विंग स्थित भरत मुनि भवन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त कुलदीप चौधरी की धर्मपत्नी अपर्णा शुभ्रा एवं विद्यालय के प्राचार्य ए.एस. गंगवार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। अपने संबोधन में प्राचार्य ने बच्चों की प्रस्तुतियों को सराहते हुए कहा कि प्रतियोगिता में हार-जीत मायने नहीं रखती, प्रतिभागिता अहम है। उन्होंने बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत डाल अपना ज्ञान विकसित करने का भी संदेश दिया। प्राचार्य ने मिसाइल-मैन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पांच प्रेरणाप्रद पंक्तियों- मैं सबसे अच्छा हूं, मैं यह कर सकता हूं, भगवान हमेशा मेरे साथ हैं, मैं एक विजेता हूं और आज का दिन मेरा दिन है, को रोज सुबह खुद से बताने का संदेश भी बच्चों को दिया। मुख्य अतिथि श्रीमती शुभ्रा ने भी बच्चों की प्रस्तुतियों को सराहनीय बताया।
– Varnan Live Report.