‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी समस्त धरा, एक परिवार की थीम पर जिस प्रकार भारत के विभिन्न हिस्सों में जी-20 की अलग-अलग बैठकों का सफल दौर जारी है, वह अपने देश की गरिमा में लगातार चार चांद लगा रहा है। जाहिर तौर पर इससे पूरी दुनिया में भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है और हिन्दुस्तान विश्व मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरकर सामने रहा है।
विशेष संवाददाता
रांची : अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी-20) की अध्यक्षता भारत की वैश्विक ताकत में उत्प्रेरक की भूमिका निभा रही है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी समस्त धरा, एक परिवार की थीम पर जिस प्रकार भारत के विभिन्न हिस्सों में जी-20 की अलग-अलग बैठकों का सफल दौर जारी है, वह अपने देश की गरिमा में लगातार चार चांद लगा रहा है। जाहिर तौर पर इससे पूरी दुनिया में भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है और हिन्दुस्तान विश्व मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरकर सामने रहा है। दुनिया भर के प्रतिनिधि बैठकों में शामिल होकर जहां निर्धारित विषयों पर चर्चा कर रहे हैं, वहीं भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों से भी रू-ब-रू हो रहे हैं। इसी कड़ी में झारखंड की राजधानी रांची ने भी सतत ऊर्जा से संबंधित जी-20 की बैठक की मेजबानी की और सभी विदेशी प्रतिनिधि संतुष्ट होकर लौटे।
भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत सतत ऊर्जा के लिए सामग्री पर अनुसंधान और नवाचार पहल सभा (आरआईआईजी) का दोदिवसीय सम्मेलन रांची में हुआ। झारखंड की धरती पर आगमन के साथ रांची एयरपोर्ट पर कोरिया, सिंगापुर, जर्मनी, सऊदी अरब, इंग्लैंड, फ्रÞांस, तुर्की, यूएई, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया से पधारे डेलिगेट्स के साथ, इंटरनेशनल सोलर एलायंस से सबा कलाम के प्रो. पद्मश्री डॉ. अशोक झुनझुनवाला, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके सारस्वत सहित विभिन्न वैज्ञानिक संस्थाओं के शीर्ष पदाधिकारियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
सम्मेलन में 16 जी20 सदस्यों, आमंत्रित अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 21 विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लगभग 40 भारतीय विशेषज्ञों ने भाग लिया। सम्मेलन का समन्वय वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), नई दिल्ली द्वारा किया गया। डॉ. श्रीवरी चंद्रशेखर, सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), आरआईआईजी अध्यक्ष ने जी20 प्रतिनिधियों और विशेष आमंत्रितों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सहित कई जी20 देशों के पास विशाल खनिज और सामग्री संपदा है, जिसका हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर उपयोग करने की आवश्यकता है। अन्य जी20 देशों जैसे इंडोनेशिया और ब्राजील के जी20 प्रतिनिधियों ने भी अपनी प्रारंभिक टिप्पणियों में सम्मेलन के महत्व को दोहराया।
प्रतिनिधियों और आमंत्रितों का स्वागत करते हुए, डीएसआईआर के सचिव और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. कलईसेल्वी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता के तहत जी20 की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ एक तरह से आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। पूरी दुनिया को एक साथ आने और स्थायी ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ताकि शुद्ध शून्य उत्सर्जन के साथ हमारा एक वैश्विक भविष्य हो सके। उन्होंने जी20 देशों से टिकाऊ ऊर्जा भंडारण, वितरण और प्रबंधन के क्षेत्रों में अनुसंधान और तकनीकी समाधान विकसित करने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया।
तीन सत्रों के तहत ‘सतत ऊर्जा के लिए सामग्री’ के विभिन्न पहलुओं – ऊर्जा सामग्री और उपकरणों से संबंधित 21वीं सदी की चुनौतियां, सौर ऊर्जा उपयोग एवं फोटोवोल्टिक प्रौद्योगिकी और हरित के लिए सामग्री और प्रक्रियाएं ऊर्जा पर चर्चा की गई। प्रतिनिधियों ने चर्चा की और पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के लिए कार्बन उत्सर्जन नेट-शून्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से ऊर्जा सामग्री चुनौतियों को हल करने पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमति व्यक्त की। रांची में ‘सतत ऊर्जा के लिए सामग्री’ विषय पर इस सम्मेलन के बाद, तीन और आरआईआईजी कार्यक्रम डिब्रूगढ़ (असम), धर्मशाला (एचपी) और दीव में ‘सर्कुलर-जैव-अर्थव्यवस्था’, ‘ऊर्जा संक्रमण के लिए पर्यावरण-नवाचार’ विषयों पर आयोजित किए जाएंगे तथा ‘सस्टेनेबल ब्लू इकोनॉमी हासिल करने की दिशा में वैज्ञानिक चुनौतियां और अवसर’ क्रमश: पर चर्चा होगी।

सीबीसी-पीआईबी के सनबोर्ड पर उकेरी भावनाएं- मेजबानी को बताया अविस्मरणीय
जी-20 रांची में आए विदेशी अतिथियों ने अपनी भावनाएं केन्द्रीय संचार ब्यूरो/प्रेस इंफार्मेशन ब्यूरो के सन-बोर्ड पर उकेरी। रक्षा मंत्री, भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी. सतीश रेड्डी, रांची एसएसपी किशोर कौशल एवं भारतीय विदेश सेवा से रांची की पहली क्षेत्रीय पासपोर्ट पदाधिकारी मनिता आदि ने भी हस्ताक्षर किए। जी-20 साइंस व तकनीक रांची बैठक में आए हुए डेलिगेट्स के लिखित यादों को सहेज कर रखने के लिए केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी), रांची ने अपर महानिदेशक पीआईबी अखिल कुमार मिश्रा के निर्देशन में विशेष तौर से तैयार किए गए सन-बोर्ड स्टैंड पर अतिथियों के द्वारा उनके भावनाओं को संग्रहित किया गया। ब्राजील से आए डेलीगेट् डॉ. फिलेपी सिल्वा ने लिखा – भारत बहुत धन्यवाद, झारखंड के अतिथि-सत्कार से मैं गदगद हूं। सऊदी अरबिया से जी-20 रांची बैठक में शामिल होने आयीं वैज्ञानिक डॉ. ईमान ने लिखा – भारत आपको ढेर सारा प्यार : धन्यवाद इंडिया। वहीं, सिंगापुर से आये प्रतिनिधि एलिजा ने अपनी भावना सन-बोर्ड पर दशार्ने से पहले अपने मोबाइल द्वारा भारत में अभिनंदन के लिए प्रचलित शब्द तलाश कर लिखा : नमस्ते ! थैंक्यू इंडिया।
– Varnan Live Report.