झारखंड भर से 37 विद्यालयों के 183 विद्यार्थियों ने दिखाई अपनी वैज्ञानिक कुशलता

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केंद्रीय विद्यालय – 1 बोकारो में राज्यस्तरीय 50वीं बाल विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित

बोकारो : नगर के सेक्टर-4 स्थित केंद्रीय विद्यालय-1 बोकारो के प्रांगण में सोमवार को संभाग स्तरीय विज्ञान, गणित, पर्यावरण प्रदर्शनी तथा 50 वी राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी 2023 का आयोजन किया गयाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय विद्यालय संगठन, रांची संभाग के उपायुक्त डीपी पटेल थे। इस प्रदर्शनी में केंद्रीय विद्यालय संगठन रांची संभाग के 42 में से कुल 37 विद्यालयों के 183 छात्रों ने हिस्सा लिया और अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा का परिचय दिया। बच्चों ने अपनी मौलिक प्रतिभा का उपयोग करते हुए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, पर्यावरण अनुकूल सामग्री, स्वास्थ्य और स्वच्छता, परिवहन और नवाचार, पर्यावरण संबंधी चिंताएं, वर्तमान नवाचार के साथ ऐतिहासिक विकास तथा हमारे लिए गणित विषयों पर अपने प्रदर्श दिखाए।


इस बाल विज्ञान प्रदर्शनी में मौलिकता की परीक्षा हेतु अपने-अपने विषयों में निष्णात विद्वान विभिन्न संस्थाओं से आए थे। इनमें डॉ ललन कुमार, मुख्य वैज्ञानिक सीएसआईआर सिंफर धनबाद, डॉक्टर सुधीर कुमार कश्यप, वरीय मुख्य वैज्ञानिक सीएसआईआर सिंफर धनबाद, राम लोलार्क, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर सिंफर धनबाद, डॉ रामकृष्ण महतो, असिस्टेंट प्रोफेसर स्वामी सहजानंद कॉलेज चास, नवीन कुमार महतो बॉटनी विभाग स्वामी सहजानंद कॉलेज चास, गोविंद प्रसाद, प्रोफेसर बायो टेक्नोलॉजी सिटी कॉलेज बोकारो छात्रों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट की मौलिकता एवं उपादेयता परीक्षण हेतु विद्यालय प्रांगण में उपस्थित थे।
कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन केवीएस के डीसी श्री पटेल ने किया। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 बोकारो के छात्रों ने मनमोहक स्वागत गीत प्रस्तुत किया। विद्यालय के प्राचार्य ललित मोहन बिष्ट ने अपने सारगर्भित भाषण में कहा कि विज्ञान अनादि काल से मानव का और मानवता का सहायक रहा है। विज्ञान का मतलब प्रकृति को जीतना नहीं बल्कि प्रकृति को समझना होना चाहिए। इसी में हमारे ज्ञान और विज्ञान की सार्थकता है।

भारत को फिर विश्वगुरु बना सकते हैं युवा : पटेल

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री पटेल ने कहा कि भारत विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है। में विश्व की सर्वाधिक युवा आबादी वाला देश भारत विश्व को नई राह दिखा सकता है। डॉ. एपीजे कलाम को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सफलता विश्रांति नहीं है, बल्कि नई सफलता के लिए अग्रसर होने का पहला कदम है। अगर देश के युवा अपनी मौलिक प्रतिभा को सकारात्मक रूप से देश के विकास में शामिल करें तो वह दिन दूर नहीं है जब भारत दोबारा विश्वगुरु बनकर दुनिया को वह राह दिखाएगा। उन्होंने आज के बच्चों को मोबाइल की लत से बाहर निकालने और उनमें वैज्ञानिक चेतना जागृत करने की दिशा में शिक्षकों की भूमिका को अहम बताया। कार्यक्रम का संचालन यू जयकुमार ने किया। विद्यालय की ओर से विज्ञान विभाग के शिक्षक भवेश चंद्र सिंह, आरके झा, संजीव कुमार, एसके पाल, जितेंद्र कुमार, उमा शंकर प्रजापति एवं राजेश कुमार ने अनवरत छात्रों का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन किया।

– Varnan Live Report.

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